इंडियाAI मिशन: बड़े खिलाड़ियों की एंट्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौती और बढ़ती संभावनाएँ
इंडियाAI मिशन के दूसरे चरण में दिग्गज कंपनियों की एंट्री, GPU आपूर्ति संकट जारी; 800 शब्दों में विस्तृत रिपोर्ट
इंडियाAI मिशन: विस्तार, चुनौतियाँ एवं उपलब्धियाँ
भारत सरकार ने एआई इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के लिए 1,500 करोड़ रुपयों के इंडियाAI मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय भाषा, सांस्कृतिक संदर्भ और लोकल उपयोग के लिए उपयुक्त एआई समाधान विकसित करना है। अब तक इसमें 500 से अधिक एप्लिकेशन प्राप्त हो चुके हैं, जबकि शुरुआती चरण में 67 ही आवेदन आए थे।
प्रमुख कंपनियों की एंट्री
दूसरे चरण में Tech Mahindra, Fractal Analytics, BharatGen, Avataar.ai, Genloop, IntelliHealth, Shodha AI, और Zenteiq Aitech Innovations को शामिल किए जाने की संभावना है। Tech Mahindra का Indus Project भारतीय भाषाओं के लिए 1.2 बिलियन पैरामीटर वाला मॉडल लेकर आया है। Fractal Analytics भारत का अपना पहला Large Reasoning Model लगभग 118.8 करोड़ रुपयों की लागत से तैयार कर रहा है, जिसमें 2-7 बिलियन पैरामीटर वाले छोटे, और 70 बिलियन पैरामीटर वाले बड़े मॉडल शामिल होंगे। BharatGen (IIT Bombay कांसॉर्टियम) ने जुलाई में द्विभाषी “Param-1” रिलीज किया था, जो पूरी तरह से भारतीय डेटा पर ट्रेन किया गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और GPU की चुनौती
मिशन की सबसे बड़ी चुनौती GPU इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर है। अब तक 34,333 GPU के ऑर्डर दिए गए हैं, परंतु केवल 17,374 ही ऑपरेशनल हैं। मांग में तेजी के बावजूद आपूर्ति में कटौती से स्टार्टअप्स व शोधकर्ताओं के लिए समस्या खड़ी हो रही है। सरकार अब इन्फ्रास्ट्रक्चर को ट्रेनिंग के बजाय इन्फ्रेंसिंग मॉडल्स पर केंद्रित करने का विचार कर रही है, ताकि सीमित संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो सके।
एक इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव के अनुसार, “अब हमारे पास सस्ता GPU कम्प्यूट है, जिससे स्टार्टअप्स की रुचि तेजी से बढ़ी है, लेकिन अब हमें फिर से आपूर्ति संकट का सामना करना पड़ रहा है।”
मिशन की बढ़ती लोकप्रियता
सरकार द्वारा सब्सिडाइज़ GPU एक्सेस 80 रूपये (करीब $1) प्रति घंटे की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जो ग्लोबल स्तर पर सबसे कम दरों में से एक है। देश में 10 से अधिक GPU सेवा प्रदाता पैनल में शामिल हैं, जिससे AI शोधकर्ता और स्टार्टअप सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य विदेशी एआई मॉडल पर निर्भरता कम करना और भारतीय संदर्भ व भाषाओं के लिए एआई संरचनाएं तैयार करना है।
प्रतियोगिता और भविष्य की दिशा
ग्लोबल AI रेस में भारत तेजी से अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है। डेटा संरक्षण, टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ऊर्जा की बढ़ती मांग भारत के सामने नई चुनौतियाँ ला रही हैं। सरकार, इंडस्ट्री और ऊर्जा मंत्रालय मिलकर एक प्रभावी, हरित व सशक्त AI इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कार्य कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में डेटा सुरक्षा, स्किल्ड टैलेंट की उपलब्धता और सार्थक नीति फ्रेमवर्क पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
इंडियाAI मिशन के द्वितीय चरण में भारतीय एआई इकोसिस्टम को मजबूती मिली है, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर व संसाधनों की उपलब्धता मिशन की सफलता में बड़ी बाधा बनी हुई है। यदि सरकार इन समस्याओं को समय रहते सुलझा लेती है, तो भारत न केवल घरेलू, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एआई इनोवेशन का अहम केंद्र बन सकता है।
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