सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण (एलएसए) कानून, 1987 के तहत राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) की स्थापना की है, जैसाकि कानून की धारा 12 के तहत समाविष्ट है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी नागरिक आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय पाने से वंचित न रहे, और लोक अदालतें आयोजित की जा सकें जिससे कानूनी प्रणाली का संचालन समान अवसरों के आधार पर न्याय को बढ़ावा दे।
इस उद्देश्य के लिए तालुक न्यायालय स्तर से लेकर उच्चतम न्यायालय तक विधिक सेवा संस्थान स्थापित किये गये हैं। कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा किए जाने वाले कार्यों/कार्यक्रमों में कानूनी सहायता और सलाह; कानूनी जागरूकता कार्यक्रम; कानूनी सेवाएं/सशक्तिकरण शिविर; कानूनी सेवा क्लिनिक; कानूनी साक्षरता क्लब; लोक अदालतें एवं पीड़ित मुआवजा योजना का कार्यान्वयन शामिल है। कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा किए गए कार्यों/कार्यक्रमों का विवरण अनुलग्नक-ए पर है।
इसके अलावा, भारत सरकार ने न्याय तक पहुंच पर “भारत में न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधान की रूपरेखा तैयार करना” शीर्षक से एक योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य टेली-लॉ के माध्यम से पूर्व-मुकदमेबाजी सलाह और परामर्श को मजबूत करना है; जिससे न्याय बंधु (प्रो बोनो लीगल सर्विसेज (लोक कल्याण के लिए कानूनी सेवाएं) ) कार्यक्रम के माध्यम से लोक कल्याण के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए अखिल-भारतीय वितरण ढांचा सुनिश्चित करना और अखिल भारतीय कानूनी साक्षरता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाना है। यह योजना अपने हस्तक्षेप का समर्थन करने और समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए कानूनी सेवाओं की आसान पहुंच बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग और क्षेत्रीय/स्थानीय बोली में महत्वपूर्ण आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) सामग्री विकसित करने पर आधारित है।
टेली-लॉ सेवा सामान्य सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध टेली/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं और टेली-लॉ सिटीजन्स मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से लाभार्थी को वकील से जोड़ने का प्रयास करती है। 30 नवम्बर 2023 तक, टेली-लॉ सेवाएं 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 766 जिलों में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में उपलब्ध हैं और इसने 60,23,222 लाभार्थियों को कानूनी सलाह प्रदान की है, जिसमें महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आदि के लोग शामिल हैं। न्याय बंधु प्लेटफॉर्म ने इच्छुक प्रो बोनो अधिवक्ताओं और कानूनी सेवा प्राधिकरण कानून, 1987 की धारा 12 के अंतर्गत मुफ्त कानूनी सहायता के हकदार पंजीकृत लाभार्थियों के बीच न्याय बंधु एप्लिकेशन (एंड्रॉइड/आईओएस पर उपलब्ध) पर निर्बाध संपर्क सक्षम बनाया है। 30 नवम्बर, 2023 तक, 10,629 प्रो बोनो अधिवक्ता हैं और 89 लॉ स्कूलों ने कानून के छात्रों के बीच प्रो बोनो की संस्कृति को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रो बोनो क्लब का गठन किया है। योजना के तहत ये सभी सेवाएँ समाज के कमजोर वर्ग के सभी नागरिकों को निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
यह जानकारी कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); संसदीय कार्य राज्य मंत्री; संस्कृति राज्य मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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