May 3, 2024 |

BREAKING NEWS

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र 23 सितंबर 2023 को सांकेतिक भाषा दिवस मनाएगा

Listen to this article

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के अंतर्गत कार्यरत भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) 23 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में सांकेतिक भाषा दिवस-2023 मनाएगा।

संयुक्त राष्ट्र ने जब से 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया है, तब से भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र हर वर्ष 23 सितंबर को इस दिवस को मनाता है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र सांकेतिक भाषा दिवस के बारे में हमारे समाज के सभी वर्गों में सकारात्मक जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य के साथ अधिक से अधिक नागरिकों, हितधारकों, सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं, बधिर विद्यालयों, गैर सरकारी संगठनों, कार्यकर्ताओं, बधिर नेताओं, शिक्षकों, शोधकर्ताओं आदि को सांकेतिक भाषा दिवस के दायरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यह दिन हमें भाषाई तथा सांस्कृतिक विविधता के हिस्से के रूप में सांकेतिक भाषाओं के संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व की भी याद दिलाता है। जीवन के प्रत्येक हिस्से से भारतीय सांकेतिक भाषा के क्षेत्र में काम करने वाले सभी पेशेवर, बधिर जन, बधिर विद्यार्थियों के माता-पिता और संस्थान सांकेतिक भाषा दिवस समारोह में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण लक्षित समूह हैं।

इस वर्ष सांकेतिक भाषा दिवस-2023 की विषयवस्तु है- “एक ऐसा संसार जहां हर जगह से बधिर लोग कहीं पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं!” एक ऐसी दुनिया जहां बधिर लोगों को मानवीय विविधता की प्राकृतिक श्रृंखला के एक हिस्से के रूप में देखा जाता है और राष्ट्रीय सांकेतिक भाषाओं को देश के सामाजिक ताने-बाने के हिस्से के रूप में हर जगह समझा व इस्तेमाल किया जाता है। इस दिन अनेक सामूहिक प्रयास बधिर समुदायों, सरकारों एवं नागरिक समाज के प्रतिनिधियों द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि उनके बच्चे और युवा ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में एक कदम के रूप में अपनी राष्ट्रीय सांकेतिक भाषाएं जानें, जहां पर हर जगह बधिर लोग कहीं पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।

इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक मुख्य अतिथि होंगी और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल सम्मानित अतिथि होंगे। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव राजेश यादव तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग व भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक श्री मृत्युंजय झा तथा राष्ट्रीय बधिर संघ, अखिल भारतीय बधिर संघ और अखिल भारतीय महिला बधिर संघ के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

आयोजन के दौरान निम्नलिखित कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा और सामग्रियां वितरित की जाएंगी:

इस अवसर पर भारतीय सांकेतिक भाषा में आधारभूत संचार कौशल के लिए एक ऑनलाइन स्व-शिक्षण पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा में बुनियादी संचार कौशल को बढ़ावा देना है। यह बधिर बच्चों के माता-पिता, उनके भाई-बहनों, शिक्षकों की सहायता के उद्देश्य से भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) का बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम में 10 मॉड्यूल शामिल किये गए हैं, जिनमें 30 आवश्यक विषयों को समाहित किया गया है, जो बुनियादी भारतीय सांकेतिक भाषा में संचार की व्यापक समझ सुनिश्चित करते हैं।

भारतीय सांकेतिक भाषा में वित्तीय शब्दों के 267 संकेतों का शुभारंभ भी होगा, जो भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, सोसाइटी जनरल और वी-शेष द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए हैं। वित्तीय शब्दावली के लिए संकेत वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले बधिर तथा सुनने वाले अक्षम लोगों के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किए गए हैं। यह पहल नौकरी करने की चाह रखने वाले बधिर युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायता करेगी।

वेबसाइट पर लगभग 10,000 भारतीय सांकेतिक भाषा के शब्दों वाले शब्दकोश का शुभारंभ हो रहा है और श्रवण बाधितों के लिए विशेष विद्यालयों में भारतीय सांकेतिक भाषा पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी तथा व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से बधिर समुदाय हेतु वीडियो रिले सेवा का शुभारंभ भी किया जाएगा। वीडियो रिले सेवा एक वीडियो दूरसंचार सेवा है जो बधिर जनों को वीडियो संचार के माध्यम से जुड़े एक दूरस्थ सांकेतिक भाषी इंटरप्रेटर के माध्यम से सुनने में समर्थ लोगों के साथ संवाद करने में सक्षम बनाती है। इस सेवा का इस्तेमाल व्यापक रूप से अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, बैंक, कार्यस्थल, साक्षात्कार, पुलिस स्टेशन और अदालत आदि में किया जा सकता है। यह सेवा व्हाट्सएप नंबर 8929667579 के माध्यम से निःशुल्क प्रदान की जा रही है।

केंद्र सरकार ने छठी भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतियोगिता, 2023 आयोजित की, जो सुनने में अक्षम छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा है। विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी रचनात्मकता और ज्ञान कौशल का प्रदर्शन किया। छठी भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतिस्पर्धा के सभी विजेताओं को सांकेतिक भाषा दिवस 2023 कार्यक्रम के दौरान ट्रॉफी तथा प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.